Rashi Ratna धारण करने की परम्परा सदियों से रही है। लोग अपने भाग्य को जागृत करने और जीवन को आसान बनाने के लिए राशि रत्न धारण करते हैं। वर्तमान समय में तो ये दिखाई भी देता है कि बॉलीवुड, टॉलीवूड, राजनीति, व्यापार जगत के अधिकतर व्यक्ति अपनी अँगुलियों में कोई न कोई रत्न धारण किये रहते हैं। सदियों से राशि रत्न का मानव जीवन का अभिन्न हिस्सा बने रहना और लोगों के बीच राशि रत्नों का बढ़ता क्रेज इसके प्रभावशाली होने की खुद गवाही दे रहा है।
राशि, राशि के अक्षर, राशि स्वामी और राशि रत्न की जानकारी एक नज़र में :
राशि | राशि अक्षर | राशि स्वामी | राशि रत्न |
मेष | चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ | मंगल | मूंगा |
वृषभ | ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो | शुक्र | ओपल |
मिथुन | का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह | बुध | पन्ना |
कर्क | ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो | चन्द्रमा | मोती |
सिंह | मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे | सूर्य | माणिक |
कन्या | ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो | बुध | पन्ना |
तुला | रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते | शुक्र | ओपल |
वृश्चिक | तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू | मंगल | मूंगा |
धनु | ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे | बृहस्पति | पुखराज |
मकर | भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी | शनि | नीलम |
कुम्भ | गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा | शनि | नीलम |
मीन | दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची | बृहस्पति | पुखराज |
आइये जानते है राशि अनुसार Rashi Ratna :
1: मेष राशि
राशि चक्र की पहली राशि है मेष। इस राशि का स्वामी ग्रह मंगल होता है। अगर आपका नाम चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ से शुरू होता है तो आप मेष राशि के है। इस राशि का Rashi Ratna मूंगा (Red Coral) होता है। इसलिए मेष राशि वालों को मूंगा रत्न धारण करना चाहिए।
Mesh Rashi के Rashi Ratna का लाभ
मेष राशि के व्यक्ति का स्वाभाव थोड़ा उग्र होता है। ये कोई भी काम करें उसे जल्दी जल्दी ख़त्म करना चाहते हैं। इस राशि के लोगों के जीवन में अधिकतर आजीविका को लेकर परेशानी आ जाती है। ये कोर्ट-कचेहरी के मामलों में भी उलझते हैं जिसका कारण या तो जमीन विवाद होता है या क्रोध में किये किसी काम का परिणाम होता है। क़र्ज़ की समस्या भी इस लोगों में आम तौर से देखी गई है।
अगर आप मेष राशि के है तो आपको कम से कम 3.25 रत्ती का मूंगा पंचधातु में धारण कर लेना चाहिए। इससे भाग्य साथ देगा और कई लाभ होंगे।
2: वृषभ राशि
राशि चक्र की दूसरी राशि है वृषभ। इस राशि का स्वामी ग्रह शुक्र होता है। अगर आपका नाम ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो इनमे से किसी एक अक्षर से शुरू होता है तो आपकी राशि वृषभ है। इस राशि का Rashi Ratna ओपल (Opal) होता है। इसलिए वृषभ राशि के जातकों को ओपल रत्न धारण करना चाहिए।
Vrishabh Rashi के Rashi Ratna का लाभ
आप अगर वृषभ राशि के हैं तो आप चंचल और चपल है। आपमें शक्ति बहुत है लेकिन आप अनायास इसका प्रदर्शन नहीं करते। किसी भी काम को करने का आपका अपना तरीका और गति होती है और इसमें आपको कोई रोक टोक हो ये आपको पसंद नहीं है। शुक्र ग्रह के अशुभ फल दे रहा हो तो आकर्षण में कमी आती है। आपके संबंधों में दरार आने लगती है। या लोग आपसे दूर हो जाते हैं। यही नहीं शुक्र का अशुभ प्रभाव धन के आगमन को स्थिर कर देता है। आप बचत नहीं कर पाते और हमेशा मन में भरी पन लिए रहते हैं।
ऐसी स्थिति में अपने धन वैभव की स्थिति को सामान रखने के लिए आपको कम से कम 3.25 रत्ती का ओपल रत्न धारण करना चाहिए। इससे धन का आगमन नियंत्रित होगा और भाग्य उदित होगा।
3: मिथुन राशि
राशि चक्र की तीसरी राशि है मिथुन राशि। इस राशि का स्वामी ग्रह बुध होता है। अगर आपका नाम का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह इन अक्षरों में से किसी एक से शुरू होता है तो आपकी राशि मिथुन है। इस राशि का Rashi Ratna पन्ना (Emerald) होता है। इसलिए मिथुन राशि के जातकों को पन्ना रत्न धारण करना चाहिए।
Mithun Rashi के Rashi Ratna का लाभ
मिथुन राशि के प्रभाव से अर्थात बुध ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति चपल, सकारात्मक और योजनाओं के साथ अपने काम को करने वाला होता है। अगर इस राशि के जातक पर बुध ग्रह का शुभ प्रभाव नहीं मिल रहा हो तो उन्हें निर्णय लेने में बहुत परेशानी होती है। करियर में लगातार गिरावट आती है और अपनी बातों को सही तरीके से दूसरों से सामने नहीं रख पाते। इसका परिणाम होता है कि हर क्षेत्र में आपको असफलता मिलती है। इन्हें रिश्तों में भी खूब समस्या आती है।
इनको चाहिए की ये कम से कम 3.25 रत्ती का पन्ना रत्न पंचधातु में धारण करें। पन्ना के प्रभाव से जल्द ही जीवन सामान्य होने लगता है।
4: कर्क राशि
राशि चक्र की चौथी राशि है कर्क। इस राशि का स्वामी ग्रह चन्द्रमा होता है। अगर आपका नाम ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो में से किसी एक अक्षर से शुरू होता है तो आपकी राशि कर्क है। इस राशि का Rashi Ratna मोती (Pearl) होता है। इसलिए चन्द्रमा के शुभ प्रभाव के लिए मोती रत्न धारण किया जाता है।
Kark Rashi के Rashi Ratna का लाभ
कर्क राशि के जातकों को अगर चन्द्रमा का सही प्रभाव नहीं मिल रहा होता है तो वो बेवजह चिंता में रहते हैं। किसी भी काम में उनका मन नहीं लगता है वो खुद को स्थिर नहीं रख पाते जिससे सफलता नहीं मिलती। किसी काम को पूरा करना उनके लिए दूर की कौड़ी होती है। एकाग्रता की बहुत कमी होती है जिसके कारण सभी क्षेत्रों में समस्या होती है।
धन के हो रहे नुकसान और जीवन में आ रही दूसरी परेशानियों से मुक्ति चाहते हैं तो कम से कम 3.25 रत्ती की मोती रत्न की अंगूठी अवश्य धारण करें।
5: सिंह राशि
राशि चक्र की पांचवी राशि है सिंह। इस राशि का स्वामी ग्रह सूर्य होता है। अगर आपका नाम मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे में से किसी एक अक्षर से शुरू होता है तो आपकी राशि सिंह है। इस राशि का Rashi Ratna माणिक्य (Ruby) होता है। इसलिए सूर्य ग्रह के शुभ प्रभाव के लिए माणिक्य रत्न धारण किया जाता है।
Singh Rashi के Rashi Ratna का लाभ
सिंह राशि के जातकों को अगर सूर्य का सही प्रभाव नहीं मिल रहा होता है तो जातक हमेशा बिमारियों से घिरा रहता है। शरीर में ऊर्जा की कमी रहती है काम करने की इच्छा तो होती है लेकिन ऊर्जा की कमी के कारण काम टालते ही जाते हैं। सरकारी गतिविधियों में पढ़ने पर नुकसान होता है, पिता से सम्बन्ध बिगड़ते हैं और कार्य क्षेत्र में बड़े लोगों से उलझते हैं। कुल मिलकर ये या तो कोशिश ही नहीं करते और अगर कर दें तो अहंकार के कारण सब कुछ बिगड़ जाता है।
घटते सम्मान और बढ़ते क़र्ज़ से मुक्ति के लिए कम से कम 3.25 रत्ती की माणिक रत्न की अंगूठी अवश्य धारण करें।
6: कन्या राशि
राशि चक्र की छठीं राशि है कन्या। इस राशि का स्वामी ग्रह बुध होता है। अगर आपका नाम ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो इन अक्षरों में से किसी एक से शुरू होता है तो आपकी राशि कन्या है। इस राशि का Rashi Ratna पन्ना (Emerald) होता है। इसलिए कन्या राशि के जातकों को पन्ना रत्न धारण करना चाहिए।
Kanya Rashi के Rashi Ratna का लाभ
कन्या राशि के प्रभाव से अर्थात बुध ग्रह के प्रभाव से व्यक्ति चंचल, सकारात्मक और योजनाओं के साथ अपने काम को करने वाला होता है। अगर यहाँ बुध ग्रह शुभ फल देने की स्थिति में न हो तो ऐसे लोग अपनी बात दूसरों के सामने सही से नहीं रख पाते। इंटरव्यू, करियर में लगातार गिरावट आती है और अपनी बातों को सही तरीके से दूसरों से सामने नहीं रख पाते। इसका परिणाम होता है कि हर क्षेत्र में आपको असफलता मिलती है। इन्हें रिश्तों में भी खूब समस्या आती है।
इनको चाहिए की ये कम से कम 3.25 रत्ती का पन्ना रत्न पंचधातु में धारण करें। पन्ना के प्रभाव से जल्द ही जीवन सामान्य होने लगता है।
7: तुला राशि
राशि चक्र की सातवीं राशि है तुला। इस राशि का स्वामी ग्रह शुक्र होता है। अगर आपका नाम रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते इनमे से किसी एक अक्षर से शुरू होता है तो आपकी राशि तुला है। इस राशि का Rashi Ratna ओपल (Opal) होता है। इसलिए तुला राशि के जातकों को ओपल रत्न धारण करना चाहिए।
Tula Rashi के Rashi Ratna का लाभ
आप अगर तुला राशि के हैं तो आप हर चीज को बहुत तोल मोल कर देखते है। आप आकर्षक होते हैं और खुद से बहुत प्यार करते हैं, लेकिन अगर शुक्र शुभ फल नहीं दे रहा हो तो ये आपको स्वार्थी बना देता है। जिसके परिणाम स्वरुप आपके आस पास शुभ चिंतकों की कमी और आपका फ़ायदा उठा लेने वालों की अधिकता हो जाती है। आपके संबंधों में दरार आने लगती है। आपको धन की कमी होती है जिसका मुख्य कारण आपकी फिजूल खर्च करने की आदत होती है। शुक्र ख़राब हो तो चरित्र भी ख़राब होने लगता है और नशे आदि की आदत भी पड़ जाती है।
ऐसी स्थिति में अपने धन वैभव की स्थिति को सामान रखने के लिए आपको कम से कम 3.25 रत्ती का ओपल रत्न धारण करना चाहिए। इससे धन का आगमन नियंत्रित होगा और भाग्य उदित होगा।
8: वृश्चिक राशि
राशि चक्र की आठवीं राशि है वृश्चिक। इस राशि का स्वामी ग्रह मंगल होता है। अगर आपका नाम तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू से शुरू होता है तो आप वृश्चिक राशि के है। इस राशि का Rashi Ratna मूंगा (Red Coral) होता है। इसलिए वृश्चिक राशि वालों को मूंगा रत्न धारण करना चाहिए।
Vrishchik Rashi के Rashi Ratna का लाभ
वृश्चिक राशि के व्यक्ति का स्वाभाव थोड़ा उग्र होता है। ये कोई भी काम करें उसे जल्दी जल्दी ख़त्म करना चाहते हैं। इस राशि के लोगों के जीवन में अधिकतर आजीविका को लेकर परेशानी आ जाती है। ये कोर्ट-कचेहरी के मामलों में भी उलझते हैं जिसका कारण या तो जमीन विवाद होता है या क्रोध में किये किसी काम का परिणाम होता है। क़र्ज़ की समस्या भी इस लोगों में आम तौर से देखी गई है।
अगर आप वृश्चिक राशि के है तो आपको कम से कम 3.25 रत्ती का मूंगा पंचधातु में धारण कर लेना चाहिए। इससे भाग्य साथ देगा और कई लाभ होंगे।
9: धनु राशि
राशि चक्र की नवीं राशि है धनु। इस राशि का स्वामी ग्रह बृहस्पति ग्रह होता है। अगर आपका नाम ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे से शुरू होता है तो आप धनु राशि के है। इस राशि का Rashi Ratna पुखराज (Yellow Sapphire) होता है। इसलिए धनु राशि वालों को पुखराज रत्न धारण करना चाहिए।
Dhanu Rashi के Rashi Ratna का लाभ
धनु राशि के व्यक्ति सामान्यतः सौभाग्यशाली होते हैं। लेकिन अगर बृहस्पति ग्रह के शुभ फल न मिल रहे हो तो इनके हर काम में बाधा आती है। व्यक्ति बड़ी मुश्किल से अर्जित किया हुआ सम्मान भी खोने लगता है, ना किये हुए अपराध के लिए भी वह दोषी माना जाता है। विवाह में बाधा आना या वैवाहिक जीवन में पति पत्नी के बीच प्रेम का समाप्त होना भी ख़राब बृहस्पति के लक्षण है।
अगर आप धनु राशि के है तो आपको कम से कम 3.25 रत्ती का पुखराज पंचधातु में धारण कर लेना चाहिए। इससे भाग्य साथ देगा और कई लाभ होंगे।
10: मकर राशि
राशि चक्र की दसवीं राशि है मकर। इस राशि का स्वामी ग्रह शनि ग्रह होता है। अगर आपका नाम भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी में से किसी एक अक्षर से शुरू होता है तो आप मकर राशि के है। इस राशि का Rashi Ratna नीलम (Blue Sapphire) होता है। इसलिए मकर राशि वालों को नीलम रत्न धारण करना चाहिए।
Makar Rashi के Rashi Ratna का लाभ
मकर राशि के व्यक्ति सामान्यतः बहुत मेहनती होते है और जीवन में जो भी प्राप्त करते हैं अपनी मेहनत और पराक्रम से प्राप्त करते हैं। इनकी सफलता के पीछे इनकी खूब मेहनत होती है। लेकिन अगर शनि अशुभ फल दे रहा हो तो आप मेहनत तो खूब करते हैं लेकिन उसका परिणाम कुछ नहीं मिलता, खूब मेहनत के बाद भी जैसे तैसे काम चलता है। धन का खर्च बहुत होता है। पैसा भी बहुत रुक-रुक कर आता है। स्वस्थ्य में लेकर धन तक और परिवार से लेकर सम्मान तक सबमे कमी और मंदी आ जाती है।
अगर आप मकर राशि के है तो आपको कम से कम 3.25 रत्ती का नीलम पंचधातु में या चांदी में धारण कर लेना चाहिए। इससे भाग्य साथ देगा और कई लाभ होंगे।
11: कुम्भ राशि
राशि चक्र की ग्यारहवीं राशि है कुम्भ। इस राशि का स्वामी ग्रह शनि ग्रह होता है। अगर आपका नाम गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा में से किसी एक अक्षर से शुरू होता है तो आप कुम्भ राशि के है। इस राशि का Rashi Ratna नीलम (Blue Sapphire) होता है। इसलिए कुम्भ राशि वालों को नीलम रत्न धारण करना चाहिए।
Kumbh Rashi के Rashi Ratna का लाभ
कुम्भ राशि के व्यक्ति सामान्यतः बहुत मेहनती होते है ये किसी भी काम को टालते नहीं हैं, आलस्य इनको छूकर नहीं गुजरता है। लेकिन अगर शनि अशुभ फल दे रहा हो तो किसी काम को करने में इनका मन नहीं लगता है ये हर काम को टालते हैं और जानवरों आदि को परेशान करने में इनको आनंद आता है। आलस्य और भाग्य में कारण धन की कमी रहती है। रिश्तों में भी इनको असफलता ही मिलती है।
अगर आप कुम्भ राशि के है तो आपको कम से कम 3.25 रत्ती का नीलम पंचधातु में या चांदी में धारण कर लेना चाहिए। इससे भाग्य साथ देगा और कई लाभ होंगे।
12: मीन राशि
राशि चक्र की नवीं राशि है मीन। इस राशि का स्वामी ग्रह बृहस्पति ग्रह होता है। अगर आपका नाम दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची से शुरू होता है तो आप मीन राशि के है। इस राशि का Rashi Ratna पुखराज (Yellow Sapphire) होता है। इसलिए मीन राशि वालों को पुखराज रत्न धारण करना चाहिए।
Meen Rashi के Rashi Ratna का लाभ
मीन राशि के व्यक्ति सामान्यतः सौभाग्यशाली होते हैं। लेकिन अगर बृहस्पति ग्रह के शुभ फल न मिल रहे हो तो इनके हर काम में बाधा आती है। व्यक्ति बड़ी मुश्किल से अर्जित किया हुआ सम्मान भी खोने लगता है, ना किये हुए अपराध के लिए भी वह दोषी माना जाता है। विवाह में बाधा आना या वैवाहिक जीवन में पति पत्नी के बीच प्रेम का समाप्त होना भी ख़राब बृहस्पति के लक्षण है।
अगर आप मीन राशि के है तो आपको कम से कम 3.25 रत्ती का पुखराज पंचधातु में धारण कर लेना चाहिए। इससे भाग्य साथ देगा और कई लाभ होंगे।