क्रूर ग्रह शनि और जीवन शैली से जुड़े रोग देने वाले गुरु बृहस्पति का सम्बंध कुंडली के ऐसे भाव से है की आपको सचेत करना बहुत आवश्यक है। आप सेहत को लेकर कोई भी नीम हकीम के चक्कर में ना पड़ें। समस्या बड़ी हो या छोटी आपको मेरी सलाह है की ज़रूर अच्छे डॉक्टर से सलाह लें। ख़ुद को संयम और नियंत्रण में रखें और पूर्णिमा तथा अमावस के दिन बाहर ना जाएँ और गाड़ी ना चलाएँ। हो सके तो इन दो दिन घर में रहें और परिवार के साथ अच्छा समय व्यतीत करें। पेट का विशेष ध्यान रखें और बाहर का कुछ भी खाने से पहले एक बार सोच लें।
नोट: स्वास्थ्य ईश्वर की सबसे बड़ी देन है। आपको हमारी सलाह है कि स्वास्थ्य को लेकर अपनी निर्भरता राशिफल पर कम से कम रखें। कभी भी आपको लगे की स्वास्थ्य सही नहीं है तो सबसे पहले अपने डॉक्टर से मिलें और अपना प्रारम्भिक उपचार बिना किसी विलम्ब करवाएँ। यहाँ दिया गया राशिफल नक्षत्रिय गढ़ना के आधार पर किया गया एक अनुमान मात्र है।
स्वास्थ्य शरीर के वेदिक उपाए: सुबह 6 बजे से पहले उठना है और 8 बजे से पहले नहा लेना बहुत लाभ दायक है। रात का खाना हल्का रखना और रात में जल्दी सो जाना आपके स्वास्थ्य के लिए रामबाण उपाय है। इसके अलावा थोड़ा व्यायाम जैसे चलना, कूदना आदि करना आपके स्वास्थ्य के लिए किसी दूसरी दावा से ज़्यादा असरकारक है। अपना खाना चबा चबा कर खाएँ, मौसम के फल सब्ज़ी का सेवन करें, एक उम्र के बाद तेल मसालों का कम से कम इस्तेमाल करें।
महत्वपूर्ण बात: हम आप भगवान को प्रसन्न करने के नाम पर जो धूप बत्ती और अगर बत्ती जलते हैं वो तमाम रसायनों (Chemical) की बनी होती है जो धीरे धीरे धुएँ के रूप में हमारे शरीर में घुसता जाता है। इससे ना सिर्फ़ हमारे शरीर में बल्कि हमारे बच्चों और घर के दूसरे सदस्यों को नुक़सान होता है। ये वो धीमा ज़हर है जो हम अपनी पीढ़ी को दे रहे हैं। हिंदू धर्म में तो बाँस जलाने में पाबंदी है ये तो सब जानते होंगे लेकिन थोड़ा रीसर्च करेंगे तो पता चलेगा की बाँस जलता हैं हो ज़हरीली गैसें निकलती है जिससे मनुष्य के शरीर को हानि होती है, बच्चों में मानसिक विकास नहीं होता है और शरीर को अन्य कई हानि होती हैं। यही बाँस हम अगरबत्ती के साथ बिना सोचे समझे ख़ूब जलते हैं। पता नहीं इससे भगवान प्रसन्न हो या ना हो लेकिन लोगों की सेहत तो 100 प्रतिशत ख़राब होती है। ये ज़हर हम जाने अनजाने में अपने घर में फैला रहे है। इसका एक मात्रा उपाए है कि हम गाय के गोबर से बनी पूरी तरह से ओरगनिक धूपबत्ति का इस्तेमा करें।
इस अगरबत्ती से एक तो घर में वातावरण शुद्ध रहेगा। नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी, कार्य सिद्धि, धन लाभ, स्वास्थ्य लाभ और बच्चों की स्मरण शक्ति में तेज़ी आएगी।
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