परिचय :
आपका स्वभाव ही आपका शत्रु है आपके लिए इस माह का मूल मंत्र है कि कम बोलें और काम भर ही बोलें। अगर इस मंत्र को अनुसरण करेंगे तो ये माह सामान्य गुज़रेगा अन्यथा आपकी कटुता और उग्र स्वभाव आपको कई समस्याओं में डाल सकता है। एक शुभ समाचार जो आपके लिए है वो केवल ऐसे लोगों के लिए है जो बाहर जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं या कर रहे हैं। ऐसे लोगों को हर प्रयास में सफलता का योग है और उन्हें इसका भरपूर लाभ उठाना चाहिए। पारिवारिक और प्रेम सम्बंध में तनाव है क्यूँकि आप दूसरों की अपेक्षाओं के अनुसार व्यवहार नहीं कर पाएँगे। व्यापार और नौकरी में मिला जुला फल मिलेगा वो भी केवल तब जब आप ऊपर दिए मंत्र को मन कर अनुसरण करेंगे।
काम काज
काम काज के लिहाज़ से ये माह चुनौतिपूर्ण है क्यूँकि सितारे संकेत दे रहे हैं की आप अपने स्वभाव पर नियंत्रण रखें। अपनी ज़रूरी मीटिंग में किसी क़रीबी को भेजें और अगर कस्टमर को डील करना पड़े तो कम से कम शब्दों में बात करें। इसके बाद ही जब इस माह के अंत में आप सोचेंगे तो अपने खाते में कोई माइनस का निशान नहीं देखेंगे। अगर इसका उलट हुआ तो आप तैयार हो जाइए आर्थिक नुक़सान के लिए।
अगर आप कहीं नौकरी कर रहे हैं तो सलाह देने से बचें। आपकी कोई भी सलाह सही काम नहीं करेगी और अगर आपकी सलाह में काम हुआ और उससे नुक़सान हुआ तो आपको भी उसका ख़ामियाज़ा भुगतना होगा।
माह के अंत तक व्यापार के लिए अच्छी स्थिति बनेगी, कई अवसर आएँगे लेकिन आप किसी से तनातनी ना करें। आपके लिए उपाय है की आप पीले वस्त्र धारण करें और गुरुवार को गाय को पीली रोटी खिलाए।
धन-धान्य
आप विवेक पूर्वक रहें, ज़्यादा उग्र ना हों और अपने काम को सही तरीक़े से करें तो धन के आने की गति बनी रहेगी। आमदनी के लिए शुभ संकेत हैं लेकिन अचानक धन प्राप्ति के योग ना दिख रहे हैं। आपको जो भी धन प्राप्त होगा उसके लिए आपने मेहनत ज़रूर की होगी। हाँ ये सम्भावना ज़रूर है की आपकी आमदनी की नई सम्भावना बन जाए। कारोबार में लाभ होगा लेकिन संयम बहुत ज़रूरी है।
नौकरी में जो लोग हैं अगर व्यापार करने का भी मन बनाए हुए हैं तो ये सही समय है काम काज को शुरू करने का। लेकिन शुरुआत में आप लोगों से ज़्यादा ना मिलें और इस माह के अंत का इंतज़ार करें। तब तक ऑफ़िस के अंदर के कामों को ख़त्म कर लें। जैसा की मैंने बताया नौकरी में सब कुछ सामान्य है। बस अपने क्रोध और उग्र स्वभाव पर नियंत्रण रखें।
स्वास्थ्य
स्वास्थ्य को लेकर विशेष सावधानी की ज़रूरत है। शनि, गुरु और राहु जैसे ग्रहों का रोग के भाव से जुड़ाव आपको बीमार कर परेशान करने के लिए अपना पूरा प्रयास कर रहे है। दुर्घटना का योग भी है इसलिए घर से बाहर सावधानी से रहें। गाड़ी चलाते समय नियंत्रण रखें और बेवजह का रिस्क ना लें।
इसके अलावा स्वास्थ्य से समबंधित किसी भी चीज़ को नज़रंदाज ना करें और अपनी सेहत का ख़ुद ही ध्यान रखें। खाने पीने में सावधानी बरतें और रेग्युलर चेकअप करवाएँ।
प्रेम सम्बंध और प्राईवेट टाइम
प्रेम सम्बन्धों के विषय में तो तब ही सोच सकेंगे जब आपका स्वास्थ्य अच्छा होगा। अगर आप अपना ध्यान रखेंगे तो जीवन साथी के साथ माह की शुरुआत में अच्छा समय व्यतीत करेंगे। एक दूसरे से मिलेंगे तो आपका आपसी प्यार और ज़्यादा गाढ़ा होगा। आपके रिश्ते के लिए ये अंतरंग पल एक तरह की जडिबूटी का काम करेंगे। अगर विवाह का इरादा हो तो अपने होने वाले जीवन साथी को मनाने का ये सबसे अच्छा अवसर है। ज़्यादा इंतज़ार ना करें और इस माह की 18वें दिन के पहले जिनको अपने जीवन में लाना चाहते हैं उनसे अपने दिल की बात कह दें। इसके बाद समय थोड़ा संघर्ष से भरा आएगा जिसमें आपको संयम बना कर रखना होगा। साथी के साथ विचारों में टकराहत हो सकती है तो सावधान रहें। हमारी सलाह मानिए तो जिससे आप प्यार करते हैं उससे कैसा जीतना और हारना तो कोई भी टकराहत हो उसे अपने स्तर पर समाप्त कर दें।
इस माह के अंतिम सप्ताह में जीवनसाथी के स्वास्थ्य को लेकर थोड़ी परेशानी हो सकती है आप सावधान रहें और थोड़ी आहत मिलने पर ही डॉक्टर को दिखा लें।
पारिवारिक
क्रूर ग्रहों का आपकी राशि कुंडली में प्रभाव है जिसके कारण परिवार से सुख ग़ायब रहेगा। परिवार में किसी की तबियत ख़राब हो सकती है जिस कारण से पूरे परिवार में तनाव का माहौल रहेगा। अगर आप संयुक्त परिवार में है तब आपको थोड़ा समय भी देना होगा। परिवार को एक साथ रखने के लिए आपको महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। अगर आप घर के बड़े हैं तो अपनी ज़िम्मेदारी समझिए और आगे बढ़कर निडर होकर परिवार के हित में फ़ैसले कीजिए।
लेकिन अगर आप छोटे हैं तो सबको समझाइए की ये कुछ समय की बात है इसके बाद तो सब पहले जैसा हो जाएगा। एक दूसरे के हित के बारे में सोचेंगे तो परिवार में ख़ुशी और प्यार आएगा और परिवार मज़बूत भी होगा।
उपाय
1- गुरुवार के दिन पीपल के नीचे बेसन के लड्डू रखिए।
2- सूर्य को जल दें और जहाँ जल गिरे वहाँ से उठा कर तिलक करें।
3- बड़ों का आशीर्वाद विशेष कर पिता का आशीर्वाद अवश्य लें।
4- मन में सेवा भाव रखें और ज़रूरत दिखने पर सेवा करें ।