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शनि कवच माला
शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए लोग क्या क्या उपाय नहीं करते हैं। ऐसा ही एक उपाय है ज्वालामुखी के लावा के राख के मनके। जैसा ही आप सब जानते हैं ज्वालामुखी का लावा तप्त अवस्था में पाताल लोक से धरती लोक पर पहुंचता है और यह इतना शुद्ध होता है कि शायद ही कोई और चीज हो।
इस लावा से बने मनके माला या ब्रसलेट के रूप में धारण किए जाते हैं। यह शनि देव के दुष्प्रभावों को कम करने के साथ साथ आपका स्टाइल स्टेटस भी बनता है। शनि की साढ़े साती, ढैया और महादशा के दौरान के दौरान तो इसके चमत्कारिक प्रभाव व्यक्ति को हर पीड़ा से बचा लेते हैं।
इसके लाभ:
शनि देव को प्रसन्न करने के लिए सबसे उत्तम उपाय है। इसे विधि अनुसार धारण करके कोई भी व्यक्ति शनि देव से संबंधित सभी कष्टों से मुक्ति प्राप्त कर सकता है।
यह माला नजर दोष के लिए भी बहुत उपयुक्त होती है।
लावा के दानों से बनी माला दिखने में बहुत अलग और आकर्षक दिखती है। इस कारण इसको धारण करने वाला दूसरों को बहुत जल्दी प्रभावित कर लेता है।
भूत प्रेत जैसी बाधा या किसी के किए कराए का भी यह अचूक काट है। इसे धारण करने से व्यक्ति पर बड़े से बड़े काले जादू का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
कैसे तैयार होती है।
इस चमत्कारिक माला को तैयार करने के लिए सबसे पहले ज्वालामुखी की राख के मनके तैयार किए जाते हैं। इन मनको को शनि के तांत्रिक मंत्रों से अभिमंत्रित करके एक-एक दाने को पिरोया जाता है। इस दानों के बीच मंत्रों के साथ गांठें लगाई जाती है।
इसके बाद ईश्वर का संयोग और कृपा जिस पर होती है वह व्यक्ति इसे प्राप्त करता है और धारण करता है।
इसको धारण करने वाले को शनि देव की कृपा से कभी धन धान्य की काम की कोई कमी नहीं रहती है। मेहनत का संपूर्ण फल मिलता है और व्यक्ति नित नई ऊचाईयों को छूता है।
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