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कुंभ राशि का राशि रत्न
कुंभ राशि का राशि रत्न नीलम होता है। मान सम्मान की प्राप्ति और काम काज में वृद्धि के लिए इस रत्न का विशेष प्रभाव है। यह अत्यंत लाभकारी रत्न है और राशि अनुसार धारण किया जाए तो यह हर परेशानियों से दूर रखने और धन धान्य से परिपूर्ण करने में उपयोगी होता है।
कुंभ राशि का स्वामी ग्रह शनि होता है और यह शनि का रत्न है। इसको धारण करने से शनि देव की कृपा दृष्टि प्राप्त होती है और हर कार्य बनते हैं।
कुंभ राशि के लोगों को नीलम धारण करने से लाभ:
- कुंभ राशि का राशि रत्न नीलम अगर धारण करते हैं तो ये काम काज में प्रगति लेकर आता हैं।
- शनि देव के प्रभाव से इनके काम में आने वाली अड़चनें दूर हो जाती हैं और ये अपनों को साथ लेकर आगे बढ़ते हैं।
- इस राशि के जातक अगर नीलम रत्न धारण करें तो धन की कभी कमी नहीं होती। ये मेहनत का कोई शॉर्ट कट नहीं ढूढते।
- यह बहुत सहजता से कठिन से कठिन काम करते हैं और धीरे धीरे ही सही लेकिन सफलता की ओर बढ़ते रहते हैं।
- कुंभ राशि के जातक अगर आर्थिक कष्ट, रुपए पैसे की कमी से गुजर रहे हों तो भी इस रत्न को धारण करना चाहिए।
- कुंभ राशि के जातकों को यदि शनि की ढैया या साढे साती अथवा अंतरदशा या महादशा के कारण यदि कष्ट हो रहे हों तो भी इस रत्न को धारण करना बहुत शुभकारी होता है।
- कुंभ राशि के जातकों को अगर शत्रु भय हो या प्रेत बाधा के कारण समस्या आ रही हो तो भी नीलम धारण करके बहुत अच्छा फल मिलता है।
कुंभ राशि के रत्न नीलम को धारण करने की विधि:
- इस रत्न को शनिवार के दिन को ही धारण किया जाता है। इसे सूर्य अस्त के बाद शनि के बीज मंत्र ‘ऊं शं शनैस्चराय नम:’ के मंत्रों को जपते हुए धारण करना चाहिए।
- अथवा इसे शनि ग्रह के शुभ नक्षत्र में किसी शुभ समय पर धारण करते हैं।
- इस नीलम रत्न को यदि विद्यार्थी धारण करें तो वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ऐडी चोटी का जोर लगा देते हैं और कभी भी पथ भ्रष्ट होकर अनैतिक कार्यों में नहीं लगते हैं।
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