राशि रत्न धारण करने की परंपरा सदियों पुरानी है। राशि अनुसार रत्न धारण करने से भाग्य को मजबूती मिलती है। यह व्यक्ति को मन से मजबूत बनाता है।

व्यक्ति के जीवन में राशि का बड़ा महत्व होता है। यह राशि और राशि स्वामी ग्रह ही जीवन की ऊंची नीची स्थिति का कारक बनते हैं। इतना ही नहीं यदि किसी व्यक्ति का राशि ग्रह मजबूत हो तो उसको स्वास्थ्य धन और सम्मान की कभी कमी नहीं रहती है। भाग्य भरपूर कार्य करता है और व्यक्ति अपने कर्म का संपूर्ण फल प्राप्त करता है।
कौन सी राशि है महत्वपूर्ण:
सबसे पहली चंद्र राशि जो कि आपके राशि के नाम के अनुसार होती है। फिर नामराशि जिसका प्रभाव जीवन में सबसे अधिक रहता है। भौतिक सुख सुविधाओं की प्राप्ति के लिए यह धारण किया जाना चाहिए।
केवल जन्म तारीख के अनुसार जो राशि देखी जाती है उसे सूर्य राशि कहा जाता है। वेदिक ज्योतिष में सूर्य राशि को बिल्कुल महत्व नहीं दिया जाता इसलिए इसके अनुसार रत्न धारण करने की आवश्यक्ता ही नहीं है।
राशि और उनसे संबंधित जानकारी:
1:
मेष राशि: इस राशि का स्वामी मंगल ग्रह होता है। तो ऐसे लोग जिनका नाम चु, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ से शुरू होता है उनकी राशि मेष होती है और उन्हें इस राशि का रत्न लाल मूंगा अवश्य धारण करना चाहिए।

इसके साथ अगर आप मेष राशि से जुड़ी अन्य इच्छा की पूर्ति के लिए रत्न धारण करना चाहते हैं तो भी आप इस धारण कर सकते हैं। उदाहरण से जानते हैं: अगर आप फोर्स सेना आदि से संबंधित क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैा तो भी मूंगा धारण करना आपको बहुत बल देगा। अगर आपका होटल का व्यापार है या होटल के किचन में हैं तो भी मंगल आपके काम काज के लिए प्रभावी ग्रह मंगल ही है अत: आपको भी मूंगा ही धारण करना चाहिए।
2:
वृषभ राशि: इस राशि का स्वामी शुक्र है तो ऐसे लोग जिनका नाम ई, उ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो से शुरू होता है उनकी वृषभ राशि होती है और उनका राशिरत्न ओपल होता है। वृषभ राशि के जातक अगर ओपल रत्न धारण करते हैं तो उनके भौतिक सुख में वृद्धि होती है। भाग्य का संपूर्ण मिलता है और ऐसे लोगों में आकर्षण भी बहुत होता है।

इसके अलावा वो लोग जो सुदरता, सौम्यता और लग्जरी से जुड़ी चीजों का व्यापार करते हैं उन्हें भी इस रत्न को अवश्य धारण करना चाहिए।
3:
मिथुन राशि: इस राशि का स्वामी बुध होता है। वो लोग जिनका नाम का, की, कु, घ, ङ, छ, के, को, हा अक्षरों से शुरू होता है उनकी राशि मिथुन होती है। इनका राशि रत्न पन्ना होता है। मिथुन राशि के जातक स्वाभाव से तेज होते हैं और बुद्धि के बल पर सब कुछ हांसिल करने की क्षमता रखते हैं।

बुद्धि संयम से जुड़े जितने काम होते हैं उसमें सफलता के लिए बुध का रत्न धारण करना चाहिए। बुध शुभ ग्रह है तो हर वो व्यक्ति जो वकील पत्रकार लेखक अध्यापक जैसे कार्य में शामिल है इस रत्न को धारण कर अपनी क्षमता में कई गुना ज्यादा विकास कर सकते हैं।
4:
कर्क राशि: इस राशि का स्वामी ग्रह चंद्रमा होता है। वो लोग जिनका नाम ही, हु, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो अक्षरों से शुरू होता है वह इस राशि के जातक होते हैं। वेदिक ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा सबसे ज्यादा प्रभावशाली ग्रह है और व्यक्ति के जीवन के हर पहलू को छूता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है वह कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखता और बड़ी से बड़ी समस्याओं से बाहर निकलने का रास्ता ढूढ लेता है।

चंद्रमा शुभ ग्रह है इसलिए कोई भी व्यक्ति इस रत्न को धारण कर सकता है। यह मन को शांत रखता है और ध्यान रखने की क्षमता बढ़ाता है। अगर किसी व्यक्ति का व्यापार पानी से संबंधित है अथवा दूध या अन्य शांत तरल से संबंधित है तो वह भी मोती धारण करें। इससे व्यापार में लाभ मिलेगा।
5:
सिंह राशि: इस राशि का स्वामी ग्रह सूर्य है वो लोग जिनका नाम मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे से शुरू होता है उनकी राशि सिंह होती है। भाग्य वृद्धि और काम काज में उन्नति के लिए इन्हें माणिक रत्न अवश्य धारण करना चाहिए।

इसके अलावा सरकारी नौकरी तलाश रहे लोगों को भी माणिक धारण करना चाहिए क्योंकि सरकारी नौकरी के कारक ग्रह सूर्य हैं। इतना ही नहीं अगर कोई व्यक्ति नेतृत्व करना चाहता है या फिर आत्म बल में कमी हो तो माणिक अवश्य धारण करे। यह आतंरिक शक्ति को बढ़ाता है और नेतृत्व क्षमता में भी विकास लाता है।
6:
कन्या राशि: इस राशि का स्वामी बुध होता है। वो लोग जिनका नाम टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो अक्षरों से शुरू होता है उनकी राशि कन्या होती है। इनका राशि रत्न पन्ना होता है। कन्या -राशि के जातक स्वाभाव से तेज होते हैं और बुद्धि के बल पर सब कुछ हांसिल करने की क्षमता रखते हैं।

बुद्धि संयम से जुड़े जितने काम होते हैं उसमें सफलता के लिए बुध का रत्न धारण करना चाहिए। बुध शुभ ग्रह है तो हर वो व्यक्ति जो वकील पत्रकार लेखक अध्यापक जैसे कार्य में शामिल है इस रत्न को धारण कर अपनी क्षमता में कई गुना ज्यादा विकास कर सकते हैं।
7:
तुला राशि: इस राशि का स्वामी शुक्र है तो ऐसे लोग जिनका नाम रा, री, रु, रे, रो, ता, ती, तू, ते से शुरू होता है उनकी तुला राशि होती है और उनका राशिरत्न ओपल होता है। तुला राशि के जातक अगर ओपल रत्न धारण करते हैं तो उनके भौतिक सुख में वृद्धि होती है। भाग्य का संपूर्ण मिलता है और ऐसे लोगों में आकर्षण भी बहुत होता है।

इसके अलावा वो लोग जो सुदरता, सौम्यता और लग्जरी से जुड़ी चीजों का व्यापार करते हैं उन्हें भी इस रत्न को अवश्य धारण करना चाहिए।
8:
वृश्चिक राशि: इस राशि का स्वामी मंगल ग्रह होता है। तो ऐसे लोग जिनका नाम तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू से शुरू होता है उनकी राशि वृश्चिक होती है और उन्हें इस राशि का रत्न लाल मूंगा अवश्य धारण करना चाहिए।

इसके साथ अगर आप वृश्चिक राशि से जुड़ी अन्य इच्छा की पूर्ति के लिए रत्न धारण करना चाहते हैं तो भी आप इस धारण कर सकते हैं। उदाहरण से जानते हैं: अगर आप फोर्स सेना आदि से संबंधित क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैा तो भी मूंगा धारण करना आपको बहुत बल देगा। अगर आपका होटल का व्यापार है या होटल के किचन में हैं तो भी मंगल आपके काम काज के लिए प्रभावी ग्रह मंगल ही है अत: आपको भी मूंगा ही धारण करना चाहिए।
9:
धनु राशि: इस राशि का स्वामी ग्रह बृहस्पति होता है। ऐसे लोग जिनका नाम ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढ, भे से शुरू होता है उनकी धनु राशि होती है। इस राशि का राशि रत्न पुखराज होता है। पुखराज सबसे ज्यादा धारण किया जाने वाला रत्न है। क्योंकि यह अत्यंत शुभफल देने वाला होता है और सभी मंगल कार्य जैसे विवाह आदि इससे ही देखे जाते हैं।

ऐसे व्यक्ति जिन्हें अपनी कार्य के अनुसार मान सम्मान न मिलता हो। विवाह आदि में रुकावटें आती हों उन्हें इस रत्न को अवश्य धारण करना चाहिए। कपड़ों का व्यापार और पूजा पाठ से संबंधित काम करने वाले लोगों को भी इस रत्न को धारण करना अत्यंत लाभकारी होता है।
10:
मकर राशि: इस राशि का स्वामी ग्रह शनि होता है ऐसे लोग जिनका नाम भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी अक्षरों में से किसी एक से शुरू होता है उनकी राशि मकर होती है। इस राशि का राशि रत्न नीलम होता है। यह बहुत प्रभावशाली रत्न होता है और धारण करने वाले के जीवन में बहुत तेजी से परिवर्तन होते हैं।

ऐसे व्यक्ति जिन्हें काम काज में समस्या आ रही हो उन्हें नीलम अवश्य धारण करना चाहिए। इस रत्न को धारण करने के बाद काम काज में कोई कमी नहीं आती है और व्यक्ति को उसकी मेहनत का संपूर्ण फल मिलता है। नीलम धारण करके अपने से नीचे के लोगों का ध्यान रखना और दया भाव के साथ रहने से इसके अच्छे फल प्राप्त होते हैं।
11:
कुंभ राशि: इस राशि का स्वामी ग्रह शनि होता है ऐसे लोग जिनका नाम गु, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा अक्षरों में से किसी एक से शुरू होता है उनकी राशि कुंभ होती है। इस राशि का राशि रत्न नीलम होता है। यह बहुत प्रभावशाली रत्न होता है और धारण करने वाले के जीवन में बहुत तेजी से परिवर्तन होते हैं।

ऐसे व्यक्ति जिन्हें काम काज में समस्या आ रही हो उन्हें नीलम अवश्य धारण करना चाहिए। इस रत्न को धारण करने के बाद काम काज में कोई कमी नहीं आती है और व्यक्ति को उसकी मेहनत का संपूर्ण फल मिलता है। नीलम धारण करके अपने से नीचे के लोगों का ध्यान रखना और दया भाव के साथ रहने से इसके अच्छे फल प्राप्त होते हैं।
12:
मीन राशि: इस राशि का स्वामी ग्रह बृहस्पति होता है। ऐसे लोग जिनका नाम दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, च, ची से शुरू होता है उनकी धनु राशि होती है। इस राशि का राशि रत्न पुखराज होता है। पुखराज सबसे ज्यादा धारण किया जाने वाला रत्न है। क्योंकि यह अत्यंत शुभफल देने वाला होता है और सभी मंगल कार्य जैसे विवाह आदि इससे ही देखे जाते हैं।

ऐसे व्यक्ति जिन्हें अपनी कार्य के अनुसार मान सम्मान न मिलता हो। विवाह आदि में रुकावटें आती हों उन्हें इस रत्न को अवश्य धारण करना चाहिए। कपड़ों का व्यापार और पूजा पाठ से संबंधित काम करने वाले लोगों को भी इस रत्न को धारण करना अत्यंत लाभकारी होता है।
राशि रत्न के प्रभाव से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है और वह किसी भी काम को पहले से बेहतर तरीके से करते हैं। राशि महत्वपूर्ण है इसलिए वेदिक काल से राशि चर्चा और राशि विचार कर वेदिक ज्योतिषाचार्य रत्न धारण करने की सलाह देते आए हैं।
आइए देखते हैं किस राशि के जातक को कौन सा रत्न धारण करना चाहिए जो उनके लिए भाग्य वृद्धि और कर्म में वृद्धि के मार्ग खोले।
