पांच मुखी रुद्राक्ष माला कालाग्नि रुद्र का स्वरूप माना जाता है। यह पंच ब्रह्म एवं पंच तत्वों का प्रतीक भी है। इस माला के जप से असाध्य चीजें भी प्राप्त की जा सकती हैं। जिनमें से कुछ निम्न हैं:
1: अकाल मृत्यु से बचने के लिए
कुंडली में मारक ग्रह की दशा अंतरदर्शा मृत्यु अथवा मृत्युतुल्य कष्ट दे जाते हैं। इस दौरान अगर सही तरह से भगवान शिव की शरण में जाया जाए अथवा उनकी स्तुति की जाए तो अकाल मृत्यु अथवा असहनीय कष्ट से भी मुक्ति मिल जाती है।
पांच मुखी रुद्राक्ष की माला से महामृत्युंजय मंत्र का किसी भी शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी से जप प्रारंभ करें रोज एक माला जपें और यह प्रक्रिया बिना क्रम तोड़े 103 दिनों तक करनी है।
इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद उसे गले में धारण कर लेना होगा। अब यह अभिमंत्रित माला शिव की कृपा से प्राण घातक रोगों और अकाल मृत्यु से बचाएगी।
कालजयी मंत्र: ॐ ह्रौं जूं स:। ॐ भू: भुव: स्व:। ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्। स्व: भुव: भू: ॐ। स: जूं ह्रौं ॐ॥ ( समस्त गृहस्थों के लिए। विशेषकर रोगों से और कष्टों से मुक्ति के लिए)
इन मंत्रों का जप प्रारंभ करें मंत्रों से पहले संकल्प अवश्य ले लें
2: धन प्राप्ति के लिए
इस भौतिक संसार में धन सभी मनुष्य चाहते हैं। सारे भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए धन अति आवश्यक है। 5 मुखी रुद्राक्ष माला धारण करने से व्यक्ति के ऊपर धन के कारक ग्रह गुरु वृहस्पति की शुभ दृष्टि रहती है साथ में माता लक्ष्मी की भी असीम कृपा प्राप्त होती है।
मंत्र-ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ ।
पूर्णिमा के दिन से प्रारंभ करके एक माला प्रत्येक दिन जप करें। उपरोक्त मंत्र का जप प्रत्येक दिन करने से जल्द ही भगवान शिव की कृपा से धन आदि की प्राप्ति होगी।
3: आध्यात्मिक सुख प्राप्त के लिए
पांच मुखी रुद्राक्ष गुरू बृहस्पति से संबंधित होता है। यह मंगलकार्यों और आध्यात्म की ओर ले जाने वाले देवता होते हैं। इस माला में गुरू बृहस्पति का मंत्र ‘ऊं बृं बृहस्पतये नम:’ का जप एक माला रोज किया जाए तो इससे काफी अच्छे परिणाम होते हैं। जहां तक इन मंत्रों की गूंज जाती हैं वहां तक वातावरण शुद्ध रहता है सबके मन में अच्छे विचार रहते हैं और आध्यात्म के प्रति रुचि बनी रहती है।
