सम्‍मोहन, शीघ्र विवाह और धन वृद्धि के लिए 6 मुखी रुद्राक्ष माला का प्रयोग है अचूक उपाय

छह मुखी रुद्राक्ष माला को साक्षात कार्तिकेय का स्वरूप माना गया है। इसे शत्रुंजय रुद्राक्ष भी कहा जाता है यह ब्रह्म हत्या जैसे पापों से मुक्ति देने वाला तथा संतान देने वाला होता है।

इसे धारण करने से खोई हुई शक्तियाँ जागृत होती हैं। स्मरण शक्ति प्रबल होती है तथा बुद्धि तीव्र होती है। कार्यों में पूर्ण तथा व्यापार में आश्चर्यजनक सफलता प्राप्त होती है। 6 मुखी रुद्राक्ष शुक्र ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है जिस व्यक्ति का शुक्र कमजोर रहता है उसे इस माला को धारण अवश्‍य करना चाहिए। यह शुक्र को मजबूत करता है तथा पुत्र प्राप्ति में भी सहायता करता है। इसके अलावा छह मुखी रुद्राक्ष माला जिस व्यक्ति का शुक्र नीच राशि का हो वक्री हो या अशुभ ग्रहों के साथ में बैठा हूं ऐसी स्थिति में 6 मुखी रुद्राक्ष माला धारण करने पर शुभ फलों की प्राप्ति होती है। व्यक्ति धन-धान्य से परिपूर्ण रहता है।

6 मुखी रुद्राक्ष माला में जप मात्र से कई महत्‍वपूर्ण समसयाएं दूर होती है। इन्‍हें निम्‍नप्रकार से समझिए:

1: विवाह में अड़चन समाप्त करना

मंत्र- ऊं ह्रीं श्रीं शुक्राय नमः

अगर आपके विवाह में अड़चन आ रही हो जैसे बार-बार रिश्‍ते आने के बाद भी कहीं रिश्‍ता न ठहर रहा हो तो यह माला आपके बहुत काम आएगी।

प्रयोग विधि:

सबसे पहले 6 मुखी रुद्राक्ष की माला को प्राप्‍त करें। पूरी श्रृद्धा के साथ इसे ग्रहण करने के बाद ‘ऊं ह्रीं श्रीं शुक्राय नम:’ का जप करें।

मंत्र सिद्ध 6 मुखी रुद्राक्ष माला प्राप्‍त करने के लिए यहां क्‍लिक करें। यह माला 6 मुखी रुद्राक्ष के छोटे दाने से निर्मित है और इसमें 108+1 दाने हैं। इसको धारण करने की संपूर्ण विधि साथ दी जाती है।

पूजन शुरू करने से पूर्व संकल्‍प अवश्‍य करें जो निम्‍न प्रकार से होगा। सुबह 6 से 7 बजे के बीच स्‍नान आदि से संपन्‍न होकर लक्ष्‍मी गणेश की पूजा करें। इसके बाद ईश्‍वर से प्रार्थना करें कि जिस भी वस्‍तु की आपको अभिलाषा है उसे वह आपको प्रदार करें और आप इसके लिए उनकी पूरे मन से और सच्‍ची श्रृद्धा से उनकी आराधना करेंगे।

अब इस माला में प्रत्‍येक दिन सुबह के समय स्‍नान आदि करके शुद्ध कपड़ों को धारण करें। खुशबूदार धूप जलाएं,  दीपक करें और शुक्र ग्रह के तंत्रोक्त मंत्र का (जोकि ऊपर दिया गया है) इस माला में जप करें।

कार्य सिद्धि के लिए इस मंत्र का 3 माह तक प्रत्‍येक सुबह एक माला जप कीजिए। जितनी आस्‍था से यह प्रक्रिया की जाएगी उतनी ही जल्‍दी आपको मनवांछित फल प्राप्‍त होगा।  

2: आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होने के लिए

प्रयोग विधि:

सबसे पहले 6 मुखी रुद्राक्ष की माला को प्राप्‍त करें। पूरी श्रृद्धा के साथ इसे ग्रहण करने के बाद ‘मां लक्ष्‍मी का मंत्र’ का जप करें।

पूजन शुरू करने से पूर्व संकल्‍प अवश्‍य करें जो निम्‍न प्रकार से होगा। सुबह 6 से 7 बजे के बीच स्‍नान आदि से संपन्‍न होकर सबसे पहले भगवान गणेश का स्‍मरण करें। इसके बाद मां लक्ष्‍मी का आवाहन करें और मंत्र जप शुरू करें। धन धान्‍य की इच्‍छा के साथ पूरी श्रृद्धा से मां लक्ष्‍मी के स्‍वागत के लिए पूजा स्‍थल को सजाएं, कमल का फूल हो तो उसे अपने मंदिर में रखें और मां लक्ष्‍मी की फोटो या प्रतिमा पर कमल के बीज से बनी माला (कमलगट्टे) को चढ़ाएं। इसके बाद धूप दीप दिखा कर मंत्र जप शुरू करें।  

कार्य सिद्धि के लिए इस मंत्र का 3 माह तक प्रत्‍येक सुबह एक माला जप कीजिए। जितनी आस्‍था से यह प्रक्रिया की जाएगी उतनी ही जल्‍दी आपको मनवांछित फल प्राप्‍त होगा।

प्रत्‍येक शुक्रवार मां लक्ष्‍मी को खीर का भोग लगाएं तो धन धान्‍य से संबंधित प्रत्‍येक कार्य में सफलता मिलेगी।

3: रोगों के उपचार हेतु

शुक्र ग्रह शरीर के युरेनरी सिस्‍टम से संबंधित रोगों, शुगर और इंडोक्राइन सिस्‍टम से संबंधित रोगों और गुप्‍त रोगों से संबंधित होता है। इसलिए इन बीमारियों में शीघ्र उपचार के लिए दवाइयों के साथ यदि 6 मुखी रुद्राक्ष माला में मंत्र का जप किया जाए तो मात्र 1 माह 18 दिन के भीतर ही बहुत अच्‍छे परिणाम दिख जाते हैं।

रोगों के उपचार हेतु शुक्र ग्रह के इस मंत्र का जप प्रत्‍येक दिन एक माला 1 माह 18 दिन तक करें:

मंत्र शाबर-वन में बैठी वानरी, अन्जनी जायो हनुमन्त, बाल डमरु ब्याही बिलाई आंख की पीड़ा, मस्तक पीड़ा, चैरासी, वाई बलि बलि भस्म हो जाय, पके न फूटे’, पीड़ा करे, तो गोरख जाति रक्षा करे मेरी भक्ति गुरु की शक्ति, फुरे मंत्र ईश्वरो वाचा

नमो नम:। क्‍या आप कोई जानकारी चाहते हैं